मुजफ्फरपुर बेशर्मी कांड: कभी सपने में भी 'शर्म' आया है?

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रेपिस्टों की बहार है...फिर भी...
भ्रष्टाचार की भरमार है...फिर भी...
बेरोजगारी से युवाओं में हाहकार है...फिर भी...
क्या करें! गरीब, लाचार, बेबसों को बस उन्हीं से अच्छे दिनों की दरकार है...फिर भी...

उनके लिए अहंकार, ढिठई, और बेशर्मी, जैसे शब्द अब कुछ मायने नहीं रखते इसीलिए इन शब्दों का इस लेखन में इस्तेमाल कर ज्यादा इसे लंबा खींचने की जरुरत नहीं। सीधे मुद्दे की बात पर आते हैं। पिछली रात ख्याल आया कि अगली सुबह तो ऑफिस से छुट्टी है तो क्यों ना इस दिन दिलबर को खुश किया जाए और उनके साथ गर्व की अनुभूति कराने वाले किसी ऐतिहासिक विरासतों को जाकर निहारा जाए, चकाचौंध वाली किसी बाजार में घूमा जाए और रात को किसी होटल में जाकर अंग्रेजी डिनर का स्वाद उठाया जाए। सुबह के रोमांचकारी विचारों से ओत-प्रोत आंखें अभी बंद ही हुई थी कि अचानक कानों में एक साथ कई सिसकियां सुनाई देने लगीं। मैं चौंक गया और मुझे लगा कि मेरी आंखें खुली हुई हैं। सामने थीं कई सारी छोटी-छोटी बच्चियां जो किसी उजड़े हुए बाग में सूखे और मसले हुए फूलों की तरह बिखरी पड़ी थी। उन्हें देखकर अनाहस ही मेरे मुंह से वो शब्द निकले जो किसी महात्मा के अंतिम शब्द थे, हे राम! उनकी लाचारी और बेबसी देख कर मालूम नहीं कब आत्मा व्यथित हो गई और किसी अनजान रहनुमे से यह दुहाई मांगने लगी कि इतनी सारी बच्चियों के साथ कुछ बुरा ना हुआ हो। बागों के उजड़े फूलों को देखकर हिम्मत ना हो सकी कि उनसे पुछूं कि इस हंसती-खेलती बगिया को किसकी नजर लगी? फिर अचानक किसी जल्लाद की हंसी, ठहाकों में उन बच्चियां की सिसकियां कहीं गुम हो गईं और फिर डरे-सहमी फूलों ने गुमनामी की चादर ओढ़ ली। इससे पहले कि मैं उन्हें ढूंढने अपने बिस्तर से उठता सहसा ही जेहन में ख्याल आया कि नहीं कुछ बुरा नहीं हुआ मासूमों के साथ बल्कि मैंने तो कोई बुरा सपना देख लिया था। रात परवान पर थी लिहाजा फिर से सोने की कोशिश में मैंने पानी से भरा गिलास उठाया और एक ही बार में गटक कर बिस्तर पर अपनी टांगे फैला दी।

यकीनन बिहार के मुजफ्फरपुर में हुए 'बेशर्मी कांड' ने मेरे जैसे कइयों की नींद उड़ा रखी होगी। कहना मुश्किल है कि राज्य में ऐसी कितनी बालिका गृह होंगी जिनमें बच्चियों के साथ ऐसी बर्बरता अब भी हो रही होगी। लेकिन फिर भी आप ढिंढोरा इसी बात का पीटिए कि बिहार में बहार है...फिर से.....। 15 साल से ज्यादा का वक्त गुजर गया जब शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य, भ्रष्टाचार, गरीबी, और कानून व्यवस्था तथा ना जाने कितनी चीजें बदलने की जिम्मेदारी अपने कंधे पर लेकर एक बड़े सुशासित चेहरे ने बिहार की गद्दी संभाली थी। नींद से जागी जनता की महत्वकांक्षाएं हिलोरे ले रही थीं कि अब तो बिहार का चेहरा भी बदल जाएगा। बरसों के जंगलराज को अब मंगलराज जमींदोज कर देगा। पर अब मालूम चला गया है कि कि असल में हम तो 15 साल से सो रहे थे और जो मंगलराज था वो तो हमारे सपना में आया था।  
यह सच है कि बिहार की बेटियों की किस्मत में उनके साथ बर्बरता और इन कांडों के राक्षसों को सौगात में मिलने वाली राजसी ठाठ की कहानी बरसों पुरानी है। साल 1999 का चर्चित शिल्पी जैन हत्याकांड आज किसी मिस्ट्री से कम नहीं। सभी जानते हैं कि इस कांड में एक बड़े नेता के दामन पर दाग लगा था मगर क्या मजाल की आज तक कोई उनका बाल भी बांका कर सके। मुझे अच्छी तरह से याद है साल 2012 का नवरुणा कांड। इसी मुजफ्फरपुर में 18 सितंबर 2012 को एक नाबालिग बच्ची अपने घर से गायब हो जाती है। उस वक्त एक न्यूज चैनल में काम करते हुए मैंने भी 'नवरुणा' पर कुछ कहानियां लिखी और कोशिश की कि रहनुमाओं को नींद से जगा कर उनसे पूछुं की 'नवरुणा' कहां है? क्या आप उसे ढूंढेंगे? क्या आप उसके मां-बाप को उसकी खुशियां लौटाएंगे? लेकिन फिर 26 नवंबर 2012 को इस बच्ची के कंकाल उसी के घर के बाहर नाले में मिलने से मैं हिल गया। एक साक्षात इंसान के गायब होने के बाद उसके नरकंकाल बन जाने के बीच क्या - क्या हुआ यह आज तक कोई नहीं जानता। उस वक्त भी एक बड़े सफेदपोश का नाम इस कांड में उछला था लेकिन कोई भी ठोस सबूत नहीं मिल पाने के कारण हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई भी बेबस हो गई। 

हाल के दिनों में बिहार के अलग-अलग जिलों में बेटियों के साथ बेहरमी और बदसलूकी की कई तस्वीरें सामने आई हैं। कुछ पर कार्रवाई भी हुई है लेकिन कोई गारंटी नहीं कि अगले कुछ दिनों में ऐसा नहीं होगा। बहरहाल चारों तरफ ढिंढोरा सुशासन का है तो आप भी निश्चित होकर आंखें बंद कर मंगलराज के सपने में सोए रहिए। सबसे जरूरी बात अगर सपने में 34 मासूम बच्चियों को देख कर खुद को थोड़ा भी शर्म आए तो सुबह उठ कर अलसायी नींद में किसी अखबार या न्यूज-चैनल में बिहार की खबरों के बीच अपने लिए कुछ सकारात्मक खबरें और नई योजनाओं के बारे में पढ़कर शर्म-ओ-हया के पर्दे फाड़ कर गर्व से सीना चौड़ा कर लीजियेगा।   

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